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मखाना बनेगा बिहार की नई पहचान: शिवराज सिंह चौहान

मखाना बिहार

पटना: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अपने एक दिवसीय बिहार दौरे पर पटना पहुंचे। उन्होंने गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में आयोजित “मखाना महोत्सव 2025” में भाग लिया और “मखाना संस्कृति से समृद्धि” रिपोर्ट का विमोचन किया। इस अवसर पर बिहार के कई किसान, कृषि वैज्ञानिक और उद्यमी भी उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुत जल्द मखाना बनेगा बिहार की नई पहचान।

अपने संबोधन में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बिहार के युवाओं को 64,000 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक सौगात दी है, जिससे राज्य के विकास की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि बिहार में बदरा बरस रहा है और विकास की बरसात हो रही है, आज विकसित भारत का सूरज बिहार के भाग्य पर चमक रहा है।

गरीबों के लिए अद्भुत वरदान है मखाना

शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में की गई MSP बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा कि मसूर, उड़द और अरहर जैसी दलहनी फसलों का जितना उत्पादन होगा, केंद्र सरकार उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि मखाना गरीबों के लिए अद्भुत वरदान है, जो पोषण और आर्थिक दोनों दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है। पहले जहां मखाना सिर्फ 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता था, अब यह क्षेत्रफल बढ़कर 35,000 से 40,000 हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। बिहार अब देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मखाना उत्पादन का केंद्र बन चुका है।

मखाना उत्पादन और विपणन को नई दिशा

कृषि मंत्री चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की अधिसूचना जारी कर दी है। यह बोर्ड मखाने पर अनुसंधान, विकास, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और प्रोमोशन जैसे कार्यों में अहम भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही मखाना प्रसंस्करण और नई किस्मों के विकास के लिए लगभग 475 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। आधुनिक तकनीक, मशीनरी और अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से मखाना किसानों को अधिक उत्पादन और बेहतर मूल्य दिलाने पर जोर दिया जा रहा है।

मखाना स्टार्टअप्स के लिए युवाओं को मिलेगा सहयोग

शिवराज सिंह चौहान ने बिहार के युवाओं से अपील की कि वे मखाना से जुड़ी स्टार्टअप इकाइयां स्थापित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे सभी युवाओं को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगी ताकि बिहार का मखाना भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की डाइनिंग टेबल तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मखाना किसानों की आय दोगुनी नहीं, बल्कि चौगुनी हो और बिहार कृषि नवाचार का उदाहरण बने।

मखाना से किसानों की समृद्धि की ओर कदम

अपने भाषण में कृषि मंत्री ने कहा कि मखाना न केवल बिहार की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक प्रगति का आधार भी बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मखाना किसानों को प्रशिक्षित करने, उन्हें आधुनिक तकनीक सिखाने और वैश्विक बाजारों से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

मखाना महोत्सव 2025 के माध्यम से बिहार में “मखाना संस्कृति से समृद्धि” के मंत्र को मजबूत आधार मिला है। केंद्र सरकार के प्रयासों से अब बिहार का मखाना वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है बल्कि बिहार को कृषि-उद्योग के नए युग में प्रवेश कराने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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