नई दिल्ली: देशभर में धान की कटाई के साथ ही अब किसानों ने रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल, गेहूं की बुआई की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस समय किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल होता है कि कौन-सी गेहूं की किस्म उनकी मिट्टी और जलवायु के हिसाब से सही रहेगी। गलत किस्म चुन लेने से उपज में कमी और दाने की गुणवत्ता में गिरावट आती है। लेकिन अब किसानों की यह समस्या खत्म होने वाली है क्योंकि सरकार की एक प्रमुख संस्था किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं बीज उपलब्ध करा रही है, जिससे बंपर पैदावार संभव है। किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (National Seeds Corporation – NSC) ने अब ऑनलाइन गेहूं बीज बिक्री शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय बीज निगम से खरीदें प्रमाणित गेहूं बीज
किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (National Seeds Corporation – NSC) ने अब ऑनलाइन गेहूं बीज बिक्री शुरू कर दी है। किसान www.indiaseeds.com वेबसाइट पर जाकर सीधे प्रमाणित बीज ऑर्डर कर सकते हैं। बीज निगम की यह पहल किसानों को बिचौलियों से मुक्त करते हुए सीधे सरकारी दरों पर बीज उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है। ऑर्डर करने पर बीज घर तक पहुंचा दिया जाएगा, जिससे किसानों का समय और पैसा दोनों बचेंगे।
सबसे लोकप्रिय किस्म: डीबीडब्ल्यू 303 (करण वैष्णवी)
भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), करनाल द्वारा विकसित डीबीडब्ल्यू 303 (करण वैष्णवी) गेहूं की ऐसी किस्म है जो किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह किस्म 2021 में अधिसूचित की गई थी और उत्तर-पश्चिम भारत की सिंचित भूमि और अगेती बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रोग प्रतिरोधक है और उच्च उत्पादन क्षमता रखती है। किसान यदि वैज्ञानिक तरीके से बुवाई और प्रबंधन करें तो इससे 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
बीज की कीमत और डिस्काउंट ऑफर
किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि राष्ट्रीय बीज निगम इस किस्म को बेहद किफायती दाम पर बेच रहा है। 20 किलो के पैकेट की कीमत मात्र ₹1200 रखी गई है, जिस पर 20% की छूट भी मिल रही है। किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर कर अपने घर मंगवा सकते हैं और समय पर बुआई शुरू कर सकते हैं।
गेहूं की खेती के लिए विशेषज्ञों की सलाह
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की खेती की सफलता खेत की तैयारी और बीज चयन पर निर्भर करती है। खेत की दो बार गहरी जुताई करें और मिट्टी को समतल रखें ताकि नमी बनी रहे। 25 सितंबर से 25 नवंबर तक बुवाई का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। बुआई से पहले बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम 50% W से उपचारित करें ताकि फफूंद और कीटों से सुरक्षा मिले। प्रति एकड़ 40 किलो बीज पर्याप्त होता है। बीज की लाइन दूरी 22-25 सेंटीमीटर रखें और बुवाई के समय डीएपी, यूरिया और पोटाश मिलाएं। फसल की बढ़वार के दौरान 3 से 4 बार सिंचाई जरूरी है, पहली सिंचाई बुआई के 20-25 दिन बाद करें।
राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा बेचा जा रहा डीबीडब्ल्यू 303 (करण वैष्णवी) बीज किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह किस्म न केवल उच्च पैदावार देती है बल्कि रोगों से भी सुरक्षित रहती है। किसान अगर समय पर बुआई, उचित बीज उपचार और सही सिंचाई पद्धति अपनाएं, तो वे अच्छी उपज और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं। सरकारी पोर्टल से प्रमाणित बीज खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान को असली, शुद्ध और भरोसेमंद बीज मिलता है, जिससे खेती में जोखिम कम और लाभ अधिक होता है।
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