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मध्य प्रदेश में शुरू हुई सोयाबीन भावांतर भुगतान योजना

सोयाबीन

भोपाल: मध्य प्रदेश के किसान अब खरीफ सीजन की फसलों की कटाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बार भी प्रदेश में तिलहन फसलों में प्रमुख सोयाबीन की बंपर पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है। बीते वर्ष रिकॉर्ड उत्पादन के चलते मध्य प्रदेश देश में सोयाबीन उत्पादन में पहले स्थान पर रहा था, और इस बार भी सरकार किसानों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठा चुकी है। राज्य सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Bhugtan Yojana) लागू कर दी है, जिससे किसानों को एमएसपी से कम मूल्य मिलने पर सीधे मुआवजा दिया जाएगा।

योजना का उद्देश्य किसानों को नुकसान से बचाना

राज्य सरकार के मुताबिक, भावांतर भुगतान योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बाजार में होने वाले भाव के उतार-चढ़ाव से राहत देना है। किसान अब अपनी उपज मंडियों में बेच सकेंगे और यदि उन्हें घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम भाव मिलता है, तो उस अंतर की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। इसके तहत दो प्रमुख स्थितियों में भुगतान किया जाएगा:

  1. यदि किसानों को एमएसपी से कम लेकिन मंडी मॉडल रेट से अधिक मूल्य मिलता है, तो विक्रय मूल्य और एमएसपी के अंतर की राशि सरकार देगी।
  2. यदि किसानों को एमएसपी और मंडी मॉडल रेट दोनों से कम भाव मिलता है, तो मंडी मॉडल रेट और एमएसपी के अंतर की राशि किसानों को भुगतान की जाएगी।

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू

राज्य सरकार ने किसानों के लिए भावांतर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। रजिस्ट्रेशन 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। किसान ई-उपार्जन पोर्टल, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (PACS), कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और एमपी किसान ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। इसके बाद 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक मंडियों में खरीद की प्रक्रिया चलेगी।

भावांतर योजना से जुड़े अहम निर्देश

राज्य के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कृषि और पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिकतम किसान इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि 2 से 31 अक्टूबर तक चल रहे स्वच्छता अभियान के दौरान सरकारी कार्यालयों में कबाड़ निपटान की कार्रवाई भी की जाए।

किसानों तक जानकारी पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान

सरकार ने योजना की जागरूकता के लिए कई गतिविधियों की घोषणा की है। 3 अक्टूबर से मंडियों में होर्डिंग्स और बैनर लगाए जाएंगे। किसानों और व्यापारियों को SMS और व्हाट्सऐप संदेशों के जरिए जानकारी दी जाएगी। 3 से 5 अक्टूबर तक जिलेवार बैठकें होंगी जिनमें प्रभारी मंत्री, विधायक, सांसद और किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे। ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल रैलियों के माध्यम से गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। 15 अक्टूबर तक सभी मंडियों में भावांतर सहायता डेस्क स्थापित किए जाएंगे।

पारदर्शिता और भुगतान की गारंटी

सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाएगी। व्यापारियों के स्टॉक की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। मॉडल रेट की दैनिक निगरानी की जाएगी। किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। भावांतर भुगतान योजना न सिर्फ किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि राज्य में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। इससे किसानों को मंडी में मिलने वाले मूल्य का सीधा लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी उपज का उचित दाम सुनिश्चित होगा।

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