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पंजाब में फिर से बाढ़ का खतरा, किसानों की बढ़ी चिंता

पंजाब बाढ़

चंडीगढ़: पंजाब अभी हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ से पूरी तरह उबर भी नहीं पाया था कि एक बार फिर भारी बारिश और बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 6 से 8 अक्टूबर तक पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इस चेतावनी के बाद राज्य के भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों का जलस्तर सावधानीपूर्वक घटाया गया है ताकि संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटा जा सके। पंजाब में फिर से बाढ़ की स्थिति से किसान आशंकित हैं।

फिरोजपुर और फरीदकोट में भारी बारिश, धान की फसल बर्बाद

रविवार को फिरोजपुर और फरीदकोट जिलों में कई इलाकों में 48 मिमी और 27.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। लगातार बारिश के चलते खेतों में खड़ी धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, कई अनाज मंडियों में जलभराव होने से वहां रखे हजारों क्विंटल अनाज भी खराब हो गए हैं।

बांधों से बढ़ा पानी का बहाव, बाढ़ का खतरा बढ़ा

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार:

  • भाखड़ा बांध से सतलुज नदी में 43,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
  • पौंग बांध से ब्यास नदी में 49,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
  • रंजीत सागर बांध से रावी नदी में 39,686 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

भाखड़ा में जलस्तर खतरे के निशान (1,680 फीट) से करीब 9 फीट नीचे, जबकि पौंग बांध में 3 फीट नीचे बताया गया है। इसके बावजूद सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और लगातार हालात की निगरानी की जा रही है।

किसानों में चिंता

अजनाला के विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में बारिश शुरू हो चुकी है और रावी नदी किनारे रहने वाले लोग पहले से ही अपना सामान छतों पर रखने लगे हैं। उन्होंने बताया कि हालिया बाढ़ में रावी नदी के तटबंधों में आई 23 दरारों में से केवल 7 की ही मरम्मत हुई है, जिससे किसानों में डर है कि पानी फिर से खेतों और गांवों में प्रवेश कर सकता है।

पंजाब सरकार ने बाढ़ नियंत्रण विभागों को सतर्क रहने और 24×7 निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। किसानों के लिए यह समय दोहरी चुनौती का है, एक ओर फसल का नुकसान, और दूसरी ओर बारिश के चलते बढ़ता बाढ़ का खतरा।

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