नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर (शनिवार) को दिल्ली के पूसा कृषि विज्ञान परिसर में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में किसानों के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इन योजनाओं का लक्ष्य भारत के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और वैश्विक नेतृत्व के योग्य बनाना है। इस कार्यक्रम की जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन योजनाओं की करेंगे शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी जिन योजनाओं का उद्घाटन करेंगे, उनमें देश के कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने वाली कई महत्वपूर्ण पहलें शामिल हैं:
- “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” – 100 आकांक्षी जिलों में ₹24,000 करोड़ के निवेश के साथ शुरू होगी।
- “छह वर्षीय दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” – इसका लक्ष्य 2030 तक भारत को दाल उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है।
- इसके साथ ही मत्स्य, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े ₹3,000 करोड़ के 56 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया जाएगा।
कृषि क्षेत्र में अब तक की प्रमुख उपलब्धियां
केंद्रीय मंत्री चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार की योजनाओं ने कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं।
- एफपीओ योजना के तहत अब तक 52 लाख किसान जुड़े हैं, जिनमें से 1,100 से अधिक “करोड़पति FPOs” बन चुके हैं।
- कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के अंतर्गत ₹73,622 करोड़ मूल्य की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिससे 1.28 लाख से अधिक प्रोजेक्ट्स को गति मिली है।
- राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत 15 लाख से ज्यादा किसान, 30,000 कृषि सखी, और लाखों हेक्टेयर रासायनिक-मुक्त भूमि को लाभ मिला है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम” की भावना के साथ केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें मिलकर किसानों के समग्र विकास के लिए काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम खेती-किसानी को नए युग में ले जा रहे हैं।
कृषि क्षेत्र की 5 बड़ी योजनाएं जिनसे किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
1. दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
- ₹11,440 करोड़ का बजट प्रावधान
- 6 वर्षों में दलहन उत्पादन को 242 लाख टन से 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य
- MSP पर 100% खरीद की गारंटी
- 2 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा
2. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
- 100 आकांक्षी जिलों में लागू
- खेती की उत्पादकता, सिंचाई, भंडारण और ऋण सुविधा पर जोर
- रोजगार, निवेश और नवाचार को बढ़ावा
3. कृषि अवसंरचना कोष (AIF)
- 35,000+ कस्टम हायरिंग सेंटर, 17,000+ गोदाम, और 2,600+ कोल्ड स्टोरेज
- 1.17 लाख करोड़ रुपये का कुल निवेश
- ग्रामीण कृषि ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम
4. एफपीओ मिशन (कृषक उत्पादक संगठन)
- 10,000 FPOs का गठन
- कुल ₹15,282 करोड़ का कारोबार
- 39% महिला किसानों की सक्रिय भागीदारी
5. प्राकृतिक खेती मिशन
- रासायनिक लागत में कमी और पर्यावरणीय लाभ
- 28 लाख किसान जागरूक
- महिला सशक्तिकरण और नए बाजारों तक पहुंच
प्रधानमंत्री किसानों से करेंगे सीधा संवाद
पूसा, दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी किसान हितैषी योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद करेंगे। इनमें दलहन उत्पादक किसान, एफपीओ प्रतिनिधि, प्राकृतिक खेती और AIF से जुड़े लाभार्थी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री सुब्रमण्यम हॉल में प्रमुख योजनाओं का शुभारंभ करेंगे और चयनित लाभार्थियों को सम्मानित करेंगे।
देशभर में जुड़ेगा 1 करोड़ से ज्यादा किसान समुदाय
कृषि मंत्री ने बताया कि यह आयोजन केवल पूसा तक सीमित नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम देशभर में:
- 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs),
- 113 ICAR संस्थानों,
- किसान मंडियों,
- किसान समृद्धि केंद्रों,
- पंचायतों और ब्लॉकों में भी लाइव देखा जाएगा।
लगभग 1 करोड़ किसान भौतिक रूप से और 1.25 करोड़ किसान ऑनलाइन माध्यम से प्रधानमंत्री से जुड़ेंगे।
कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
कृषि मंत्रालय का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की जा रही ये योजनाएं आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी। इनसे उत्पादकता में वृद्धि, किसानों की आय दोगुनी करने, ग्रामीण रोजगार सृजन और टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलेगा।
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