नई दिल्ली: देश में पशुपालन क्षेत्र को आधुनिक और डिजिटल दिशा देने के उद्देश्य से नई दिल्ली के NASC कॉम्प्लेक्स, पूसा में हाल ही में राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (NDLM) पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री नरेश पाल गंगवार, सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मंत्रालय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी ने की। इस मौके पर विभाग की अतिरिक्त सचिव वरषा जोशी, पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक, और श्री रामशंकर सिन्हा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस कार्यशाला में देश के सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जिससे इस मिशन की व्यापकता और महत्व स्पष्ट होता है।
भारत पशुधन प्लेटफॉर्म: पशुपालकों के लिए डिजिटल समाधान
कार्यशाला में राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (NDLM) के तहत विकसित भारत पशुधन प्लेटफॉर्म (India Livestock Platform) की भूमिका पर विशेष चर्चा हुई। यह प्लेटफॉर्म पशुपालन क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और डेटा-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देने वाला एक क्रांतिकारी कदम है।
इस डिजिटल सिस्टम के तहत देशभर में अब तक 9.4 करोड़ से अधिक पशु मालिकों और 34.5 करोड़ पशुओं का सफल पंजीकरण किया जा चुका है। यह आंकड़ा बताता है कि भारत पशुधन प्लेटफॉर्म तेजी से ग्रामीण और शहरी पशुपालकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से नस्ल सुधार, बीमारी की निगरानी, टीकाकरण, और पशु उत्पाद की ट्रेसबिलिटी (traceability) को और प्रभावी बनाया जा रहा है।
डिजिटल साक्षरता और डेटा प्रबंधन पर जोर
कार्यशाला के दौरान यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया कि डिजिटल परिवर्तन की सफलता पशुपालकों की डिजिटल साक्षरता पर निर्भर करती है। सचिव नरेश पाल गंगवार ने कहा कि “डेटा की गुणवत्ता और सटीकता बनाए रखना आवश्यक है, ताकि सरकार और पशुपालक दोनों स्तरों पर सही समय पर सही निर्णय लिए जा सकें।” उन्होंने यह भी बताया कि यदि डेटा का उपयोग प्रशासनिक स्तरों पर प्रभावी ढंग से किया जाए तो पशुपालन योजनाओं का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग और बेहतर हो सकती है। इसके लिए सभी हितधारकों राज्य सरकारें, डेयरी संघ, एनजीओ और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
NDLM का उद्देश्य: किसान-केंद्रित डिजिटल इकोसिस्टम
राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (NDLM) का प्रमुख उद्देश्य एक किसान-केंद्रित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है, जो पशुपालन क्षेत्र के विभिन्न घटकों जैसे पशु पहचान, स्वास्थ्य, प्रजनन, उत्पादन, और विपणन को आपस में जोड़ सके। यह मिशन न केवल नस्ल सुधार और बीमारियों की रोकथाम में मदद करता है, बल्कि पशुपालकों को डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच भी प्रदान करता है। इससे पशुधन की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों में सुधार देखने को मिलेगा।
डिजिटल पशुधन मिशन से पशुपालन क्षेत्र होगा स्मार्ट और पारदर्शी
NDLM और भारत पशुधन प्लेटफॉर्म की मदद से भारत का पशुपालन क्षेत्र तेजी से डिजिटल हो रहा है।
इस पहल से सरकार को पशु स्वास्थ्य और उत्पादन पर वास्तविक समय (real-time) डेटा मिलेगा, जिससे नीति निर्माण और संसाधन आवंटन अधिक सटीक हो सकेगा। साथ ही, पशुपालक अपने पशुओं की जानकारी, टीकाकरण रिकॉर्ड और सरकारी योजनाओं तक डिजिटल माध्यम से पहुंच बना सकेंगे।
भविष्य की दिशा
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन भारत के पशुधन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह पहल किसानों और पशुपालकों को तकनीक-आधारित सहायता, सटीक जानकारी, और समय पर सेवाएं प्रदान करके एक स्मार्ट एग्रीकल्चर और स्मार्ट लाइवस्टॉक इकोनॉमी का निर्माण करेगी। NDLM के माध्यम से भारत का पशुधन क्षेत्र अब न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी एक मजबूत पहचान भी बनाएगा।
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