नई दिल्ली: नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने ग्रामीण भारत में नवाचार और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल (GFF) 2025 के दौरान NABARD ने AgriSURE फंड के तहत अपने पहले निवेश की घोषणा की। यह फंड केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय और NABARD द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक, स्टार्टअप्स और वित्तीय समाधान के माध्यम से कृषि क्षेत्र को नई दिशा देना है।
Fambo Innovation बना NABARD का पहला निवेशित स्टार्टअप
AgriSURE फंड के तहत NABARD ने अपना पहला निवेश Fambo Innovation Pvt. Ltd. में किया है। यह स्टार्टअप कृषि-खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (Agri-Food Supply Chain) में पारदर्शिता और दक्षता लाने का काम कर रहा है। Fambo किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को सीधे फूड बिजनेस जैसे क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स (QSRs), क्लाउड किचन और रिटेल ब्रांड्स से जोड़ता है। इससे किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर दाम मिलता है और बिचौलियों की भूमिका में कमी आती है।
NABARD ने पेश की ग्रामीण नवाचार की ताकत
ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल के दौरान NABARD ने अपने द्वारा समर्थित कई इनोवेटिव स्टार्टअप्स को मंच दिया, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तकनीक आधारित बदलाव ला रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में प्रमुख हैं:
- Kuberjee Tech Pvt. Ltd. – ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक आधारित वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाला स्टार्टअप।
- NAVADHAN Capital – छोटे किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को आसान और पारदर्शी क्रेडिट उपलब्ध कराता है।
- SLO Technologies (Advarisk) – एक उन्नत रियल-टाइम कोलेटरल मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिससे बैंकिंग और कृषि वित्त में सुरक्षा और दक्षता बढ़ती है।
NABARD का उद्देश्य समावेशी और टिकाऊ ग्रामीण अर्थव्यवस्था
NABARD के अध्यक्ष शाजी के. वी. ने कहा, “हम फिनटेक और एग्रीटेक को एक साथ लाकर ग्रामीण क्रेडिट सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, छोटे किसानों तक पहुंच आसान होगी और ग्रामीण भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ेगा।” उन्होंने आगे कहा कि NABARD का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, सहयोग को प्रोत्साहित करना, और टिकाऊ वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करना है, ताकि गांवों की अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भरता आ सके।
टेक्नोलॉजी से गांवों की तरक्की
NABARD ने इस वर्ष के हैकाथॉन 2025 में प्रतिभागियों के सामने एक चुनौती रखी ऐसा सस्ता और सरल MRV सिस्टम (Measurement, Reporting & Verification) विकसित करना जो जलवायु-हितैषी खेती (Climate-friendly farming) के प्रभाव को माप सके। इसका उद्देश्य छोटे किसानों को कार्बन क्रेडिट जैसी नई वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
इसके साथ ही NABARD ने RuralTech CoLab नामक एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जो फिनटेक, एग्रीटेक और डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स को एक साथ लाकर ग्रामीण भारत के लिए स्केलेबल और सस्टेनेबल समाधान विकसित करेगा।
AgriSURE फंड से ग्रामीण भारत को नई उड़ान
NABARD का यह निवेश सिर्फ एक वित्तीय कदम नहीं बल्कि एक दूरदर्शी पहल है। AgriSURE फंड ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तकनीकी नवाचार, डिजिटल समाधान और वित्तीय पहुंच को मजबूत करेगा। इससे न केवल एग्री-स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि किसानों को भी अपनी उपज, बाजार और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्राप्त होगी। यह पहल गांवों को सशक्त, आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सशक्त भारत की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।