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महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, महाडीबीटी पोर्टल पर लॉटरी सिस्टम खत्म

महाराष्ट्र सरकार

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में चल रही कृषि कल्याण योजनाओं में अब ‘पहले आओ, पहले पाओ’ (First Come, First Serve) नियम लागू किया जाएगा। अब तक इन योजनाओं में लॉटरी प्रणाली के ज़रिए लाभार्थियों का चयन किया जाता था, लेकिन नई व्यवस्था में जो किसान पहले आवेदन करेगा, उसे पहले लाभ मिलेगा।

1 अप्रैल से लागू होगा नया नियम

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू माना जाएगा। किसान जब ‘महाडीबीटी पोर्टल’ (Mahadbt Portal) पर आवेदन करेंगे, तो लाभ देने की प्रक्रिया पंजीकरण की तारीख और समय के आधार पर तय की जाएगी। अब तक जो किसान लॉटरी प्रणाली में चयनित नहीं हो सके थे, उन्हें भी इस नई प्रणाली में शामिल किया जाएगा।

चयनित किसानों को SMS से मिलेगी सूचना

चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों को SMS के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी। सूचना प्राप्त होने के बाद किसानों को सात दिन के भीतर आवश्यक दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। अगर किसान निर्धारित समय में दस्तावेज अपलोड नहीं करता या योजना का लाभ नहीं लेता है, तो उसका आवेदन स्वतः रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे किसानों को उसी वित्तीय वर्ष में दोबारा मौका नहीं मिलेगा।

फर्जी दस्तावेज पर सख्त कार्रवाई, 5 साल तक प्रतिबंध

कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे पोर्टल पर आवेदन करते समय सही जानकारी और असली दस्तावेज ही अपलोड करें। यदि कोई किसान फर्जी जानकारी या नकली दस्तावेज जमा करता है, तो उसे तुरंत योजना से बाहर कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, ऐसे किसानों को अगले पांच साल तक किसी भी सरकारी कृषि योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

बाढ़ और बारिश से महाराष्ट्र में भारी तबाही

महाराष्ट्र में इस साल भारी बारिश और बाढ़ ने कृषि क्षेत्र को गहरा नुकसान पहुंचाया है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, मई से सितंबर 2025 के बीच राज्य में बाढ़, बिजली गिरने और भूस्खलन जैसी घटनाओं में 337 लोगों की मौत हुई है। लाखों हेक्टेयर में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 5,085 दुधारू पशु, 4,390 अन्य पशुधन और 1.87 लाख मुर्गियां बाढ़ में मारी गईं। 2,159 घर पूरी तरह ढह गए, जबकि 42,622 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। 1,902 पशुशालाएं, 1,370 दुकानें और 519 झोपड़ियां भी बाढ़ की चपेट में आ गईं।

69 लाख हेक्टेयर फसल हुई बर्बाद

सितंबर में आई बाढ़ ने विशेष रूप से मराठवाड़ा और आसपास के जिलों में भारी तबाही मचाई। 68.69 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली फसलों को नुकसान पहुंचा। सबसे अधिक नुकसान बीड, छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, यवतमाल, लातूर, सोलापुर, धाराशिव, जालना, परभणी, बुलढाणा, हिंगोली, नाशिक और वाशीम जिलों में दर्ज किया गया है।

सरकार ने घोषित किया 31,628 करोड़ का मुआवजा पैकेज

राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि महायुती सरकार ने बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। यह राशि किसानों को फसल क्षति, पशुधन हानि और मकान क्षति के मुआवजे के रूप में दी जाएगी।

किसानों के लिए पारदर्शिता और त्वरित सहायता

कृषि विभाग का मानना है कि ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नियम लागू होने से योजनाओं में पारदर्शिता आएगी और किसानों को तेजी से लाभ मिल सकेगा। पहले लॉटरी सिस्टम में कई योग्य किसान वर्षों तक लाभ से वंचित रह जाते थे, लेकिन नई व्यवस्था से उन्हें तत्काल मदद मिलेगी।

महाराष्ट्र सरकार का यह कदम किसानों के लिए एक राहत भरा बदलाव साबित हो सकता है। जहां एक ओर बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं ने खेती को नुकसान पहुंचाया है, वहीं दूसरी ओर यह नई नीति किसानों को सरकारी योजनाओं तक आसान और निष्पक्ष पहुंच दिलाएगी।

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