चंडीगढ़: खरीफ सीजन 2025-26 के दौरान हरियाणा में धान की खरीद जारी धान की खरीद सुचारू रूप से जारी है। प्रदेश की मंडियों में लगातार किसानों की उपज की आवक हो रही है और साथ ही धान के उठान का कार्य भी तेजी से चल रहा है। सरकार की प्राथमिकता किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना है। इसी क्रम में अब तक किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 4214.85 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
किसानों से अब तक 1.67 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद
हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, प्रदेश की सभी मंडियों में खरीद एजेंसियां जैसे हैफेड, वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन और फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट सक्रिय रूप से धान की खरीद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल बेचने में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सभी जिलों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। राज्य में अब तक ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत 1,67,404 किसानों से धान की खरीद की जा चुकी है।
राज्यभर में 30 लाख मीट्रिक टन धान की आवक
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेशभर की मंडियों में अब तक 30.19 लाख मीट्रिक टन धान की आवक दर्ज की गई है। इनमें से 20.49 लाख मीट्रिक टन धान का उठान किया जा चुका है, जबकि 27.10 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पूरी हो चुकी है।
सरकार ने किसानों से की अपील – कम नमी वाली फसल लेकर आएं
राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे धान को मंडियों में लाने से पहले अच्छी तरह सुखाकर लाएं ताकि फसल में नमी की मात्रा 17% से अधिक न हो। सरकार द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि धान की खरीद पूरी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है और किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है।
किसानों को दी जा रही सुविधाएं
मंडियों में किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बिजली, स्वच्छ पानी, शौचालय, सफाई और बैठने की व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया गया है। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि धान का समर्थन मूल्य ₹2,389 प्रति क्विंटल (ग्रेड A) किसानों को बिना किसी कटौती के दिया जाए।
प्रशासन को सौंपी जिम्मेदारी
जिलों के प्रशासन को अपने-अपने क्षेत्र की मंडियों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी स्तर पर अनियमितता न हो। आढ़तियों को मंडियों में धान की सफाई और अन्य मंडी श्रम कार्य जैसे भराई, तुलाई, सिलाई और लदाई का काम करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसका भुगतान सरकार स्वयं वहन कर रही है।
हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि धान की खरीद और भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी, तेज़ और किसान-हितैषी रहे। राज्य में चल रहे इस खरीद अभियान से लाखों किसानों को राहत मिली है, जिससे उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य और समय पर भुगतान सुनिश्चित हो रहा है।
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